(1)जिसके कंधो पर बोझ बढ़ा वो भारत माँ का बेटा कौन जिसने पसीने से भूमि को सींचा वो भारत माँ का बेटा कौन वह किसी का गुलाम नहीं अपने दम पर जीता हैं सफलता का एक कण ही सही लेकिन हैं अनमोल जो मजदुर कहलाता हैं || (2) मैं मजदूर हूँ मजबूर नहीं यह कहने मैं मुझे शर्म नहीं अपने पसीने की खाता हूँ मैं मिट्टी को सोना बनाता हूँ (3) हर कोई यहाँ मजदूर हैं चाहे पहने सूट बूट या मैला मेहनत करके कमाता हैं कोई सैकड़ा कोई देहला हर कोई मजदूर ही कहलाता हैं चाहे अनपढ़ या पढ़ा लिखा (4) हर इमारत की नींव हैं अमीरों की तक़दीर हैं खून पसीना बहाकर अपना पूरा करते वो अमीरों का सपना दो वक्त की उसे मिले ना मिले पर उसी के हाथो करोड़ो की तक़दीर लिखे माना उसकी किस्मत हैं अभी नहीं हैं एशो आराम पर उसको ना भुलाना तुम ना बनाना बैगाना तुम देना उसे उसका हक़ मजदूर हैं वह मेहनती शख्स (5) मेहनत उसकी लाठी हैं मजबूती उसकी काठी हैं बुलंदी नहीं पर नीव हैं यही मजदूरी जीव हैं | (6) सफलता के मार्ग में योगदान अनमोल हैं चाहे हो मालिक या कोई नौकर कोई ईकाई तुच्छ नहीं सबका अपना मान हैं कहने को एक छोटा लेबर ही स
Love Shayari,Sad shayari, funny shayari, Dosti shayari, Breakup shayari, Mahakaal Shayari , Hindi Shayari