Maa Status in Hindi 2020,
Maa Status in Hindi 2 Line,
Maa Status in English,
Chehar Maa Status in Hindi,
Maa status Punjab,
Miss u maa Status in Hindi,
Maa ka ladla Status in Hindi,
Maa ki mamta Shayari,
Maa ki yaad Shayari,
Maa Shayari Attitude,
(1) वो हाथ सिर पर रख दे तो आशीर्वाद बन जाता है;उसको रुलाने वाला जल्लाद बन जाता है;माँ का दिल ना दुखाना कभी;उसका तो जूठा भी प्रसाद बन जाता है।मदर डे की शुभकामनाएं!
(2) बुलंदियों का बड़े से बड़ा निशान छुआउठाया गोद में माँ ने तब आसमान छुआघेर लेने को मुझे जब भी बलाएं आ गईंढाल बनकर सामने माँ की दुआएं आ गईं
(3) ऊपर जिसका अंत नहीं उसे आसमां कहते हैं;इस जहाँ में जिसका अंत नहीं उसे माँ कहते हैं।मदर डे मुबारक हो!
(4) वो इस तरह मेरे गुनाहों को माफ़ कर देती है;माँ बहुत गुस्से में हो तो रो देती है;लबों पे उसके कभी बदुआ नहीं होती;बस एक माँ है जो मुझसे खफा नहीं होती।मदर डे मुबारक!
(5) माँ अपने बच्चों पर सब निछावर करती है;बिना लालच उन्हें प्यार करती है;भगवान का दूसरा रूप है हमारी माँ;जो हर दुख में हमारा साथ देती है।मदर डे मुबारक!
(6) लबों पे उसके कभी बद्दुआ नहीं होती बस एक माँ है जो मुझसे खफा नहीं होती मेरी ख्वाहिश है कि में फिर से फरिश्ता हो जाऊँमाँ से इस तरह लिपट जाऊँ कि फिर से बच्चा बन जाऊँ
(7) माँ से रिश्ता ऐसा बनाया जाए;जिसको निगाहों में बिठाया जाए;रहे उसका मेरा रिश्ता कुछ ऐसा;वो अगर उदास हो तो तुमसे भी मुस्कुराया ना जाए।मदर डे की शुभकामनाएं!
(8) कौन सी है वो चीज़ जो यहाँ नहीं मिलती;सब कुछ मिल जाता है लेकिन माँ नहीं मिलती;माँ-बाप ऐसे होते हैं दोस्तों, जो ज़िंदगी में फिर नहीं मिलते;खुश रखा करो उनको फिर देखो जन्नत कहाँ नहीं मिलती।मदर डे की शुभकामनाएं!
(9) माँ के बारे में मशहूर शायर मुनव्बर राणा ने लिखा है:लबों पे उसके कभी बद्दुआ नहीं होती बस एक माँ है जो मुझसे खफा नहीं होती मेरी ख्वाहिश है कि में फिर से फरिश्ता हो जाऊँमाँ से इस तरह लिपट जाऊँ कि फिर से बच्चा बन जाऊँ
(10) जब तुम रोते थे रात-रात भर।वो जागती थी आँचल में लेकर।।अब वह रोती है रात-रात भर।तुम सोए रहते हो चादर ओढ़कर।।
(11) कभी तुम्हारी हंसी,कभी तेरा डांटना याद आता है।आँखों में तुम्हारे नमीं,माँ तेरा दुलार याद आता है।लगती कभी चोट मुझको,तू गले से मुझे लगाती।छोड़ कर सारे काम को,तू दौड़ी चली आती।गई तुम दूर मुझसे अब जो,याद है तुम्हारी सताती।
(12) निहारूं तुम्हारी जब भी फोटो,उसमें मुस्कान नज़र आती।उस मुस्कान में मैं खो जाता,तो तेरी सूरत ही नज़र आती।याद में तुम्हारी मेरे, नयनों में जल भर आता,हे माँ तुम्हारे न होने की, कमी नज़र आती।
(13) हर पल हर छण,तुम्हारी कमी सताती है।हर पग हर डगर,तुम्हारा एहसास दिलाती है।नहीं दर्शाता मैं किसी को,चेहरा तुम्हारा याद आता है।शत-शत नमन मैं करूँ तुमको,माँ तेरा दुलार याद आता है।
(14) एहसास दिलाता है मुझे,तेरा सर पर हाथ फिराना ।भले ही न हो साथ मेरे,पर न भूल पाया, तुम्हारे प्यार का खजाना
(15) होता जब बीमार मैं,तुम्हारा पास में आकर बैठना ।जब लगती चोट मुझे,तेरा वो प्यार से डांटना ।पहले लगता था बुरा मुझे,अब महसूस तुम्हें सिर्फ करता ।पहले लड़ता था तुमसे मैं,अब रह गया तुम्हें सिर्फ याद करना ।
(16) उसे है ईश्वर ने बनाया कुछ इस तरह,कि अपने दिल मे किसी को भी दे दे वह जगह,बस थोड़ा सम्मान और आदर है मांगती,मेरी मां है सब कुछ जानती |
(17) रोती हंसती सबकुछ करती,दुःख कभी ना अपना बतलाती वो।रात रात जगती खुद,हमें सिरहाने सुलाती वो ।१। खुद पी पी कर पानी,निवाला हमें खिलाती वो,गिले पे सोई रहती खुद,सूखे पे हमें सुलाती वो
(18) चूल्हे की आग में खुद को तपाती हुईबच्चे की ग़लतियाँ ममता में भुला रही हैदूध रोटी से लेकर, मंदिर के घंटे तकस्नेह की चाशनी में, बचपन घुला रही हैबारिश के मौसम में, अंदर से गीला होकरबच्चे को बचाकर खुद को सिला रही हैबिगड़ ना जाए वो, कुछ ऐसा ही सोचेउसे डाँटकर माँ खुद को रुला रही हैअंधेरा है आगे, कहीं डर ना जाए बच्चाकतरा कतरा माँ खुद को जला रही हैबहुत खेल चुके, अब शाम हो गयी हैआ जाओ पास माँ तुम्हे बुला रही है
(19) काली रातों से मैं जब डरता था तोउजाला बन करमेरी आँखों में समां जाती थी माँमेरी छोटी-छोटी शरारतों की बातेकरती थी पिताजी से हंस हंस करऔर मेरी बड़ी-बड़ी शरारतेंअक्सर छुपा जाती थी माँ.
(20) बेटे तो बहुत देखे हैं कपूत परमाता, कुमाता, न देखा न सुनाधन- दौलत, प्यार- मोहब्बतमाँ को छोड़ इन सबको चुनास्नेह से फिर भी माँसदा ही दुआएं देती हैउम्र के उस पड़ाव मेंहम कहते हैं माँ को एक बलापर वो सदा हमारी बलाएँ लेती है
(21) मां का कर्ज नही चुका सकता कभी कोई इस दुनिया मे,भगवान से भी बडा है मां क दर्जा इस दुनिया मे,ना होती वो तो ना बसता ये सन्सार कभी,ना होगी वो तो भी खत्म हो जाएगा सन्सार ये सभी!!
(22) कोख से जन्म दे, ये संसार दिखाया,रातों भर जग, सुखे बिस्तर पर सुलायाहर मोड पर कच्चे घडे की तरह,हाथों का सहारा दे मजबूत बनना सिखायाममता भरी छाव में, हाथ थामे मेरा,चलना सिखाया, पढना सिखाया टेढे-मेढे रास्तो की डगर से बचाकर,जीवन के सफर में आगे बढना सिखाया
(23) सबसे पहले माँ ने अपनायानौ महीने कोख में सुलवाया नव जीवन का अंकुर फूटामाँ की आँखों अश्रु छूटा नव चेतन स्पर्श का एहसास आयामाँ का आँचल, पिता का सायासारा बचपन इसी में समाया जीवन भर करूँ मैं किनकी पूजामाँ-बाप से बढकर नहीं कोई दूजा.
(24) मां सिर्फ़ शब्द नहींपूरी दुनिया पूरा संसार है मांअंतरिक्ष के इस पार सेउस पार तक का अंतहीन विस्तार है मां।मां सिर्फ़ शब्द नहीशिशु की हर तकलीफ़ों को रोकेऐसी इक दीवार है मांशब्दकोश में नहीं मिलेगावो कोमल अहसास है मां
(25) माँ से बड़कर कोई नाम क्या होगाइस नाम का हमसे एहतराम क्या होगाजिसके पैरों के नीचे जन्नत हैउसके सर का मक़ाम क्या होगा…
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें